भारत सरकार ने यात्री वाहनों की सुरक्षा संबंधी नियमों में एक और अध्याय जोड़ दिया है. जिसके तहत अब 1 अप्रैल 2025 से सभी नई पैसेंजर कारों में पीछे की सीटों में सीट बेल्ट होना अनिवार्य कर दिया है.
भारत सरकार की ओर से ये कदम स़ड़क सुरक्षा के मानदंडो को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है.नए नियम के अनुसार ना केवल ड्राइवर और फ्रंट सीट पर बैठने वाले यात्री बल्कि पीछे वाली सीटों पर बैठने वाले पैसेंजर को भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा.
गाड़ियों में होगा सीट बेल्ट रिमाइंडरः
इसके लिए वाहनों में सीट बेल्ट रिमाइंडर भी लगाया जाएगा जो यात्रियों को बेल्ट ना ल गाने पर आगाह करेगा. ये सिस्टम सुरक्षा के मानकों को बढ़ाने और सड़क दुर्घटना में कमी करने के लिए लगाया गया है.
नया नियम 1 अप्रैल 2025 से होगा लागूः
सितंबर 2022 में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की कार दुर्घटना ने इस नए नियम की आवश्यकता को और भी प्रमुखता से उजागर किया. मिस्त्री की मौत के बाद सरकार ने पीछे की सीटों पर भी सीट बेल्ट की अनिवार्यता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया.
इस घटना ने यात्री की सुरक्षा पर चर्चा को नई दिशा प्रदान की और सरकार को अधिक कठोर सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया. सरकार द्वारा ये सुरक्षा नियम लागू करने का मुख्य उद्देश्य है कि सड़क पर प्रत्येक यात्री की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
इसके साथ ही 1 अप्रैल 2026 से बसों और अन्य़ भारी वाहनों में भी सुरक्षा बेल्ट की असेंबली अनिवार्य की जाएगी जिससे भारी वाहनों में भी यात्रा के दौरान सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके. ये नियम केवल व्यक्तिगत वाहनों के लिए ही नहीं बल्कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए भी सुरक्षा की एक नई परत जोडेगा.