उत्तर प्रदेश में बिजली की कीमतें अब हर माह घट-बढ़ सकती हैं. इंटरनेशनल बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों के मुताबिक जैसे रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. कुछ वैसे ही व्यवस्था बिजली की कीमतों में भी लागू हो सकती है.
राज्य विद्युत नियामक आयोग फ्यूल सरचार्ज शुल्क हर महीने बिजली कंपनियों को तय करने का अधिकार देने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए आयोग ने 19 सितंबर को आम जनता से सुनवाई के लिए तैयार है.
अगर बिजली कंपनियों को ये अधिकार दिया जाता है, तो इससे कंपनियां फ्यूल की कीमतें बढ़ने की स्थिति में उपभोक्ताओं पर बढ़ी कीमतें पासऑन कर सकेंगी. ऐसे में हर महीने बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी और घटोत्तरी हो सकती है.
हर तीन महीने में तय होता है फ्यूल सरचार्जः
मौजूदा समय में जो व्यवस्था है, उसके मुताबिक सरचार्ज बढ़वाने के लिए बिजली कंपनियों को हर तीन महीने में आयोग के पास जाना पड़ता है. नियामक ऐसे मामलों में सुनवाई कर फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने या घटाने का आदेश जारी करता है. मगर ये व्यवस्था बिजली कंपनियों को देने की तैयारी चल रही है. इससे कंपनियां खुद फ्यूल सरचार्ज तय कर सकेंगी.
उपभोक्ता परिषद ने किया है विरोधः
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. परिषद अध्यक्ष अवधेश कु्मार वर्मा ने कहा कि अगर बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज कम होने का लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को नहीं दिया है.