विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने साल 1984 में हुए कांधार हाइजैक पर अपने निजी अनुभव को शेयर किया है. उन्होंने बताया कि वो हाइजैक से निपटने वाली टीम का हिस्सा थे और जब उन्होंने घर पर फोन किया तो उन्हें पता चला कि उनके पिता भी उसी विमान में सवार हैं.
कांधार विमान हाइजैक पर बनी सीरीज पर जारी विवाद के बीच विदेश मंत्री ने अपने निजी अनुभव को साझा किया है. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो खालिस्तानी अपहरणकर्ताओं से चर्चा और बातचीत वाली टीम में शामिल थे.
वो एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे, इस दौरान उनसे हालिया वेबसीरीज आईसी-814 कांधार हाईजैक पर जारी विवाद के बारे में सवाल किया गया तो इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये सीरीज मैंने नहीं देखी और ना ही विवाद के बारे में जानकारी है.
हालांकि साल 1984 में हुए कांधार हाइजैक में एक अधिकारी के रुप में मेरे पिता हाइजैक से निपटने वाली टीम का हिस्सा थे. उन्होंने कहा, मैनें अपनी मां को फोन किया था कि मैं आज घर नहीं आ पाऊंगा, तो मां ने बताया था कि मेरे पिता भी उस विमान में सवार है.
ये था 1984 का हाईजैकः
गौरतलब है कि 1984 का विमान हाईजैक खालिस्तानी उग्रवादियों ने किया था. हाईजैक किया गया विमान दिल्ली से श्रीनगर जा रहा था जिसे दुबई की ओर मोड़ दिया गया था. IC-421 विमान को अपहरणकर्ताओं ने पठानकोट के पास हाईजैक किया था. इस हाईजैक से निपटने के लिए भारत सरकार को 36 घंटे लगे थे. इसमें सवार सभी 68 यात्रियों और चालक दल के 6 सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया था. इस दौरान 12 खालिस्तानी समर्थक अपहरणकर्ताओं ने सरेंडर किया था.