नई सोशल मीडिया पॉलिसीः हर छोटी बात पर जेल में डालना है तो नया कानून क्यों चाहिए?

सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए कानून होना चाहिए या नहीं इस पर बहस हो सकती है, इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल लोग धड़ल्ले से कर रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं ये भी सच है कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, उन्हें यदि किसी को इस आरोप के चलते जेल में डालना है तो वो ऐसा करती नजर आई हैं.

ऐसे में सोशल मीडिया पॉलिसी लाने के बारे में कहा जाता है कि अगर सोशल मीडिया को नियंत्रित नहीं किया गया तो इसके दुरुप्रयोग का दायरा बढ़ता चला जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने के बाद से ये चुनौती और भी बढ़ गई है.

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस जो इस बार प्रेसीडेंट की उम्मीदवार भी हैं दोनों एक साथ छुट्टियां मना रहे हैं. इस बीच कमला हैरिस प्रेग्नेंट होती हैं और उनकी गोद में जूनियर ट्रंप दिखाई दे रहे हैं.

इसी तरह एक और वी़डियो में ट्रंप के साथ ओबामा हथियार लिए दिख रहे हैं. ये अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का यूज कर बनाए गए वीडियो हैं. ऐसे ही भारत में भी कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह का एक डीप फेक वीडियो बनाकर उन्हें अपमानित करने की कोशिश हुई थी. फिलहाल ये ट्रेंड दिनों-दिन तेजी से बढ़ रहा है.

आप सोशल मीडिया पर जो देख रहे हैं उसमें कितनी सच्चाई है या कितना झूठ है आप इस बारे में नहीं जान सकते हैं. सरकारों को बदनाम करने के लिए भी सोशल मीडिया का खूब सहारा लिया जा रहा है. यहां तक राष्ट्रीय पार्टियां के भी ट्विटर हैंडल इससे अछूते नहीं है. हाल ही में कांग्रेस पार्टी के हैंडल से एक फोटो डाला गया था जिसे भारत सरकार की ओर से फर्जी बताया गया था. यूपी सरकार को भी कई बार बदनाम करने की कोशिश की गई.

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