हमारी प्रथ्वी की सतह पर लगभग 75 प्रतिशत जल है जिसका 97 प्रतिशत समुद्रों में है समुद्र में पानी अधिक होने के बावजूद वो पीने योग्य नहीं होता है. जब आप पानी पर यात्रा करते हैं तो आपके नम में कई तरह के सवाल आते हैं
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? जहाज क्यों नहीं डूबता ? ऐसे ही अनेक सवाल आपके मन में आते है! लेकिन आप विचार कीजिए यदि समुद्र का पानी पीने योग्य होता तो देश-विदेश में पानी की समस्या खत्म हो जाती! लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दे भारत का ज्यादातर हिस्सा पानी से घिरा है.`
नदी का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा क्यों होता है
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि समुद्र का पानी खारा होता है लेकिन बहुत कम लोग इसके पीछे की वजह जानते है आपको जानकारी के लिए बता दें कि महासागर और समुद्र के पानी में सबसे अधिक क्लोरीन और सोडियम मौजूद होता है
जिसके कारण समुद्र का पानी पीने के योग्य नहीं होता है. अमेरिका के राष्ट्रीय आषाढ़ एवं वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार, यदि समुद्र से सारा नमक निकाल कर ज़मीन पर फैला दिया जाए, तो इसकी परत 500 मीटर ऊँची हो जाती है .
समुद्र में इतना नमक कहाँ से आता है?
समुद्र में नमक आने के दो कारण हैं, पहला नदियों के ज़रिए और दूसरा महासागरों और समुद्रों के ज़रिए समुद्र में ज़्यादातर नमक नदियों से आता है क्योंकि बारिश का पानी थोड़ा अम्लीय होता है और जब यह हमारी ज़मीन की चट्टानों पर गिरता है. तो उन्हें नष्ट कर देता है .
और इससे बनने वाला लोहा नदी के ज़रिए समुद्र में मिल जाता है महासागरों और समुद्रों के पानी में क्लोरीन और सोडियम आयनों की मात्रा सबसे ज़्यादा होती है इन दोनों की वजह से महासागरों में घुले 85% आयन बनते हैं इसी वजह से समुद्र का पानी खारा लगता है
नदी का पानी मीठा क्यों होता है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं, समुद्र से भाप उठती है जिससे बादल बनते हैं .और इन्हीं बादलों से बारिश होती है, जिसका पानी नदियों और झरनों में आता है नदियों और झरनों के पानी में प्राकृतिक और अन्य पदार्थों से लवण घुल जाते हैं लेकिन नदी में इन सबकी मात्रा बहुत कम होती है जिसके कारण नदी का पानी खारा नहीं होता .और नदियों और झरनों का पानी हमेशा मीठा लगता है