भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई की यात्रा पर हैं. यूं तो ब्रुनेई भारत के सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्यों से भी छोटा है लेकिन इसके सुल्तान की अथाह संपत्ति और भव्य जीवनशैली दुनियाभर के लोगों का ध्यान आकर्षित करती है. दुनिया का सबसे बड़ा महल ब्रुनेई में ही है. यह ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया का निवास है इसे इस्ताना नुरूल ईमान के अनाम से जाना जाता है.
यह महल 2 मिलियन वर्ग फिट में फैला है। जिसमें 1700 कमरे और 22 कैरेट सोने का गुंबद है. ब्रुनेई, बोर्नियो द्वीप पर स्थित है, जो सिक्किम और त्रिपुरा जैसे भारतीय राज्यों से छोटा है. ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद दुनिया में दूसरे सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाले सम्राट बोल्किया की कुल संपत्ति कथित तौर पर 30 बिलियन डॉलर है. ब्रुनेई तेल और प्राकृतिक गैस भंडारों में समृद्ध है.
बोल्किया की लक्ज़री लाइफ स्टाइल के चर्चे अक्सर होते रहते हैं. उनके पास कारों का ख़ास कलेक्शन है. अनुमान लगाया जाता है कि इन कारों की ही क़ीमत क़रीब 5 बिलियन डॉलर होगी. इस कलेक्शन में एक गोल्ड–कोटेड रोल्स रॉयस शामिल है. इसके अलावा 450 फ़रारी, 380 बेंटले शामिल हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 1990 में दुनियाभर में ख़रीदी गई रोल्स रॉयस कारों में से आधी सुल्तान और उनके परिवार के पास थीं.
बोल्किया अपनी लाइफ स्टाइल पर पैसा खर्च करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ बोल्किया अपनी ग्रूमिंग ज़रूरतों के लिए लंदन से ब्रुनेई तक अपने नाई को बुलाने में नियमित रूप से 20,000 डॉलर खर्च करते हैं.
गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज दुनिया का सबसे बड़ा महल
इस्ताना नुरूल ईमान महल दुनिया के सबसे बड़े महल के रूप में गिनीज़ ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. महल में 1700 कमरे, 250 बाथरूम और पाँच स्विमिंग पूल हैं. हर कमरे में सोने के वॉश बेसिन हैं.
सुल्तान घोड़ों के भी शौक़ीन हैं. घोड़ों के लिये स्पेशल एयरकंडीशन युक्त अस्तबल बनवाये हैं. उनके पास प्राइवेट चिड़ियाघर भी है. जिसमें 30 बाघ और कई प्रकार की विदेशी पक्षियों की प्रजातियां हैं.
ब्रुनेई के सुल्तान
ब्रुनेई के सुल्तान का नाम हसनल बोल्किया है, जिनकी गिनती दुनिया के अमीर लोगों में होती है. ब्रुनेई को साल 1984 में ब्रिटेन से आज़ादी मिली थी. सुल्तान उमर सैफ़ुद्दीन तृतीय 5 अक्तूबर 1967 को ब्रुनेई के बादशाह बने थे. अब हसनल बोल्किया क़रीब 59 सालों से यह गद्दी सम्भाल रहे हैं.