उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से लेकर अब तक जिलों, स्थानों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के 8 और रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं. रेलवे स्टेशनों के नए नाम संतों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे गए हैं.
नाम बदलने को लेकर विपक्ष शुरूआत से योगी सरकार को घेरता आ रहा है, सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने स्टेशनों के नाम बदलने की खबर के बाद योगी सरकार पर करारा तंज कसा है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ नाम नहीं बल्कि हालात भी बदलें. जब नाम बदलने से फुरसत मिल जाए तो रिकॉर्ड कायम करती रेल दुर्घटना की रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें.
जिन रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं उनमें सभी लखनऊ मंडल के अंतर्गत आते हैं. उत्तर रेलवे की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कासिमपुर हाल्ट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर जायस सिटी रेलवे स्टेशन, जायस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गुरू गोरखनाथ धाम.
मिसरौली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां कालिकन धाम, फुरसतगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वर धाम, बनी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर स्वामी परमहंस रेलवे स्टेशन, अकबरगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां अरोहवा भवानी धाम.
वारिसगंज हाल्ट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान और निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी रेलवे स्टेशन कर दिया गया है.
बता दें कि अमेठी की पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने इन जगहों के नाम बदलकर इनकी सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करने की मांग की थी, इसी के नाम इन स्टेशनों के नाम बदलने का निर्णय लिया गया है.