Success Story: कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया साधारण मारवाड़ी परिवार में जन्में रितेश अग्रवाल ने जो हॉस्पिटैलिटी चेन ओयो रूम्स (OYO Rooms) के फाउंडर हैं. महज कुछ साल पहले दिल्ली की सड़कों पर सिम कार्ड बेचने वाला एक लड़का जो आज दुनिया के सबसे यंग बिलेनियर की लिस्ट में शामिल हो चुके है.
रितेश ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन ने जो कर दिखाया वह आज सबके सामने हैं. बता दें कि आज दुनिया के 80 देशों के 800 शहरों में रितेश का कारोबार अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. वर्तमान में वह 8000 करोड़ की कंपनी के मालिक बन चुके हैं. आइए जानते हैं रितेश अग्रवाल की दिलचस्प सक्सेस स्टोरी.
Success Story मारवाड़ी परिवार में हुआ जन्म :
रितेश का जन्म साल 1993 में उड़ीसा के कटक के बिसम में एक साधारण से मारवाड़ी परिवार में हुआ था. रितेश का सपना पहले से ही पहना कारोबार शुरु करने का था. रितेश अपनी पढ़ाई के लिए उड़ीसा से दिल्ली आए, जहां उन्होंने उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस अकादमी में एडमिशन लिया लेकिन रितेश का पढ़ाई में मन नहीं लगा. इसके चलते रितेश ने पढ़ाई छोड़ दी. घरवालों ने आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी के लिए रितेश को कोटा भेज दिया लेकिन यहां भी रितेश का मन नहीं लगा.
सड़कों पर बेचे सिम कार्ड :
साल 2012 में रितेश ने ओरावेल स्टेज नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया लेकिन इससे रितेश को भारी नुकसान हुए. जेब में केवल 30 रुपये लेकर रितेश दिल्ली आ गए और यहां उन्होंने सड़कों पर सिम कार्ड बेचना शुरू किया.
Success Story ऐसे की OYO की शुरुआत :
रितेश को शुरु से ही घूमने का काफी ज्यादा शौक था. रितेश को जब भी पढ़ाई से समय मिलता वो घूमने के लिए निकल जाते थे. वर्ष 2009 में रितेश देहरादून और मसूरी गए. जिसके बाद वहां की सुंदरता उनको मंत्कमुग्ध कर गई. रितेश ने यहां पहुंचकर उन्हें लगा कि लोगों को ऐसी जगहों के बारे में बताना चाहिए.
इसके बाद रितेश ने एक ऑनलाइन सोशल कम्युनिटी बनाने का विचार किया. जहां एक ही प्लेटफार्म पर हर तरह की सुविधाए लोगों को किफायती दाम पर मुहैया करवाई जा सके. जिससे लोगों को आसानी हो और वो नई जगहों पर भी घूम सकें. यहीं से रितेश को अपने भविष्य का बिज़नेस मिल गया था.
Success Story रितेश की नेटवर्थ :
रितेश की नेटवर्थ की बात कर तो वह 1.1 अरब डालर यानी करीब 80 हजार करोड रुपए के मालिक हैं. उनके कंपनी की वैल्यूएशन 80000 करोड रुपए से भी अधिक है. शुरुआती दिनों में इस कंपनी का नाम उन्होंने OREVAL Stays रखा, जहां पर वह लोगों को बहुत ही कम रेट में आसानी से होटल बुकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने मार्केट के सिचुएशन को समझते हुए इसका नाम बदलकर OYO रूम्स रख दिया. जिसकी सफलता ने एक नया इतिहास रचा है. मात्र 8 साल में इस कंपनी का टर्नओवर 75,000 करोड रुपए हो चुकी है.
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