Champions Trophy : आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी आठ साल पहले 2017 में हुई थी. तब भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने राजनीति में कदम नहीं रखा था. किंग कोहली का बल्ला भी खूब चल रहा था और लोअर मिडल ऑर्डर की जिम्मेदारी केदार जाधव के दमदार कंधों पर थी.
तब से ICC ने तीन टी 20 विश्व कप का आयोज कर चुका हैं. इसका मतलब यही है कि चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर चाहे जितनी हाइप बनाने की कोशिश की जाए, असल में यह इंटरनेशनल क्रिकेट कांउसिल की प्राथमिकता में नहीं हैं.
यह समस्या पूरे क्रिकेट के साथ है. क्रिकेट का यह फॉर्मेट इस समय पहचान के संकट से जूझ रहा है. क्रिकेट के इस फॉर्मेट को न टेस्ट क्रिकेट जैसी प्रतिष्ठा मिल सकी है, और न ही टी 20 जैसे पैसों की चकाचौंध. 2023 में हुए विश्व कप के बाद से टॉप क्रिकेट बोर्ड्स ने टी20 की अपेक्षा ODI को कम महत्व दिया है. पिछले इन 16 महीनों में भारतीय टीम ने केवल 9 ODI मैच खेले हैं. वहीं 2024 में टीम ने 26 टी20 मैच खेले हैं.
Champions Trophy में दर्शकों की कमी :
ICC टूर्नामेंट का आगाज हो रहा हो और स्टेडियम दर्शकों से खचा-खच भरा न हो ऐसा बहुत कम देखने को मिलता हैं. लेकिन जो कभी नहीं हुआ वो इस चैंपियंस ट्रॉफी में होता नजर आ रहा हैं. चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबला पाकिस्तान के कराची नेशलन स्टेडियम में कुछ ऐसा देखने को मिला.
जब मुकाबले के लिए दोनों टीमें मैदान पर उतरी तो स्टेडियम की कुर्सियां खाली देखने को मिली. कराची स्टेडियम की लाल, नीली और पीली कुर्सियां खाली नजर आ आईं. यह तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. इससे साफ है कि पाकिस्तान दर्शक मैच देखने नहीं पहुंचे हैं.
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