29 साल बाद मिली मेजबानी, अब बाहर निकलने के लिए दरवाजे पर खड़ी हो गई टीम, भारत के सामने पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर

पाकिस्तान

दशकों के इंतजार के बाद पाकिस्तान को आईसीसी इवेंट की मेज़बानी करने का मौक़ा मिला। धूम धाम से इसकी तैयारी की गई लेकिन नौबत ये आ गई महज़ तीन दिन में ही पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर होने का डर सताने लगा है। एक और हार और पाकिस्तान के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में आगे के सफ़र के लिए दरवाज़े बंद हो जाएंगे। टूर्नामेंट में बने रहने के लिए पाकिस्तान को किसी भी हालत में भारत को हराना होगा।

जबकि भारत अपने पहले मैच में जीत दर्ज कर इस मुक़ाबले में उतर रहा है। दुबई की पिच पर अगर स्पिनर्स को मदद मिलती है तो पाकिस्तान के लिए मैच में सबसे ज़्यादा मुश्किल होने वाली है। न्यूजीलैंड से पहले मैच में मिली हार के बाद टीम की कमियां एक बार फिर उजागर हुई हैं। सलामी बल्लेबाज़ फ़ख़र जमान के पूरे टूर्नामेंट से आउट होने के बाद टीम के लिए मुश्किलें और भी बढ़ी हैं।

इमाम उल हक़ या उस्मान ख़ान

इमाम उल हक़ को फ़खर जमान की जगह पर टीम में शामिल किया गया है। अब देखना होगा कि पाकिस्तान प्लेइंग इलेवन में किसे शामिल करता है। अगर उस्मान ख़ान खेलते हैं तो यह उनके लिए वनडे में डेब्यू मैच होगा। जबकि अगर इमाम उल हक़ खेलते हैं तो उनके साथ बाबर आज़म ओपन करेंगे। अब समस्या ये बन सकती है कि इमाम उल हक़ और बाबर आज़म दोनों ही शुरुआती ओवर में क्रीज़ पर समय बिताते हैं इसके बाद ही रन बनाने के लिए एक्सीलेरेटे करते हैं।

वहीं अगर टीम उस्मान ख़ान के साथ जाती है तब भी समस्या होगी कि वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करते हैं ऐसे में अपने स्वाभाविक नंबर की वजह ओपन करना एक चैलेंज होगा।

आँकड़ों में किसका पलड़ा भारी

भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पिछले 11 वनडे मैचों में 9 मैचों में जीत दर्ज की है। जिसमें वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप के मैच शामिल हैं। हालांकि अगर सिर्फ़ चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों की बात करें तो पाकिस्तान ने पांच मैचों में से तीन में भारत को हराया है, जिसमें साल 2017 की फाइनल मुक़ाबले की हार भी शामिल है।

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