भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के सफ़र के साथ आगे बढ़ रही है। टूर्नामेंट में अब तक भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। बांग्लादेश और पाकिस्तान को हराने के बाद अब टीम इंडिया अपने अगले मैच का इंतजार कर रही है। जोकि 2 मार्च को खेला जाएगा। यह मुक़ाबला न्यूजीलैंड टीम के साथ होगा। आईसीसी इवेंट्स में न्यूजीलैंड की टीम भारत के लिए एक बड़ा सिरदर्द हमेशा से ही रही है। अक्सर बड़े मौक़ों पर भारत को न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ हार का ही सामना करना पड़ा है।
25 साल पुरानी हार का बदला लेना होगा
भारतीय टीम के पास न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ 25 साल पुरानी हार का हिसाब बराबर करने का मौक़ा भी होगा। भले ही चिर प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान को हराकर टीम इस मैच में उतरेगी लेकिन असली टेस्ट टीम इंडिया का न्यूजीलैंड के सामने ही होगा। जिसकी वजह है कि कीवी टीम के सामने भारत का खिलाड़ियों का पस्त पड़ जाना। हार का यह सिलसिला हाल फ़िलहाल का नहीं बल्कि पुराना है। भारत और न्यूजीलैंड की टीमें आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सिर्फ़ एक बार आमने सामने आयी हैं। साल 2000 में दोनों टीमों के बीच मुक़ाबला हुआ था।
तब से लेकर अब तक दोनों टीमें चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं भिड़ी हैं। ऐसे में भारत चाहेगा कि वह 25 साल पहले इसी टूर्नामेंट में मिली हार का हिसाब कीवी टीम से बराबर कर ले। इसके साथ ही जीत के साथ सेमीफ़ाइनल में एंट्री की जाए। जिस तरह से टीम ने पहले बांग्लादेश टीम को हराया और फिर पाकिस्तान को शिकस्त दी उसी तरह न्यूजीलैंड को भी हराकर आत्मविश्वास के साथ सेमीफ़ाइनल में उतरना चाहेगी।
हालांकि न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ मिली हार जीत का असर भारतीय टीम पर नहीं पड़ेगा। उसकी जगह पहले से ही सेमीफ़ाइनल में पक्की है। लेकिन अगर टीम पॉइंट टेबल में टॉप पर ग्रुप स्टेज मैच को ख़त्म करती है। तो सेमीफ़ाइनल में उसका मुक़ाबला ग्रुप बी में टेबल में मौजूद दूसरे नंबर की टीम से होगा। साथ ही टीम का मनोबल भी ऊँचा रहेगा जोकि सेमीफ़ाइनल जैसे मुक़ाबले के लिए ज़रूरी होता है।