69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार आरोप लगा रहे हैं. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी को हम लोग यूपी से बाहर कर देंगे. वो डिप्टी सीएम है कौन, बीजेपी की नियत लोगों के बीच बंटवारे की रही है. वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण को लेकर बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है.
आरक्षण के साथ बीजेपी सरकार ने खिलवाड़ किया है. इसके साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी अपनी विचारधारा के संगी साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश रच रही है. उसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर कहा था- “दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें! उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ का बयान भी साजिशाना है. पहले तो आरक्षण की हकमारी में खुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के खिलाफ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गये.
दरअसल ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वो तो ऐसा करके भाजपा के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं. वो इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उँगली उठा रहे हैं, वो ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं.”