सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार, बीएचयू की घटना पर दागे कई सवाल?

उत्तर प्रदेश में होने वाल विधानसभा उपचुनाव से पहले सत्तापक्ष और प्रमुख विपक्षी दल में जुबानी जंग तेज हो गई है. दोनों तरफ से एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. सीएम योगी ने सपा को अराजक और गुंड़ों की पार्टी बताया तो अखिलेश यादव ने बीएचयू की घटना पर सवाल उठाते हुए तगड़ा पलटवर किया.

समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म की घटना के आरोपियों को सरकार की लचर पैरवी की वजह से जमानत मिल गई. उन्होंने कहा कि ये बेटियों का मनोबल गिराने की एक बेहद शर्मनाक कोशिश है.

अखिलेश ने पूछा कि देश के प्रधान सेवक के संसदीय क्षेत्र में क्या भाजपाइयों को दुष्कर्म जैसा घिनौना काम करने की छूट मिली है, भाजपा आईटी सेल के जुड़े पदाधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में लचर पैरवी करने का दबाव किसका था.

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी के रूप में काम करने वाले तीन आरोपियों में से दो को जमानत मिलने की खबर बेहद निंदनीय और चिंतनीय है. ना केवल दुष्कर्मी बाहर आए बल्कि ऐसी खबरें हैं कि भाजपाई परंपरा के अनुसार उनका फूल मालों से स्वागत भी किया गया. अखिलेश ने पूछा कि भाजपा इस बारे में देश की बहन बेटियों से कुछ कहना चाहेगी.

बता दें कि आज सीएम योगी ने मैनपुरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सपा को अराजक और गुंडों की पार्टी बता डाला. उन्होंने कहा कि मैनपुरी कभी वीआईपी जिला माना जाता था लेकिन वो विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया. इसे पहचान का मोहताज बनाने वाले कौन लोग हैं.

अयोध्या और कन्नौज की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इनके वास्तविक कारनामे देखने हो तो दोनों जिले की घटनाओं को देख लो. सीएम योगी ने कहा कि ये वही लोग है जिन्होंने आपके सामने पहचान का संकट खड़ा किया, सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न किया.

इनका मॉडल विकास का नहीं बल्कि लूट और खसोट का है. इन लोगों ने विकास और गरीब कल्याण के लिए मिलने वाली राशि में लूट की है, नौजवानों को मिलने वाली नौकरियों में भी डकैती डाली गई है.

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