हेड कोच गंभीर पर BCCI का चला हंटर, पर्सनल असिस्टेंट पर उठे सवाल बोर्ड ने लिया कड़ा फैसला

BCCI  : गौतम गंभीर जब से भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बने है तब से ही टीम के लिए बुरा दौर सा शुरु हो गया है. गंभीर के कोच बनते ही भारतीय टीम के नाम कई शर्मनाक रिकॉर्ड बने है जो कोई भी टीम नहीं बनाना चाहती होगी. इसके बावजूद गंभीर अपने अजीबो गरीब फैसले रोकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के कारण गंभीर पहले से ही दबाव में हैं. जिसके बाद अब गंभीर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. तो चलिए जानते हैं कि क्या है वो माजरा जिसकी वजह से BCCI ने हेड कोच पर लिया है एक्शन.

BCCI ने जारी की थी गाइडलाइन :

दरअसल भारतीय टीम जब बार्डर गॉवस्कर ट्रॉफी हार कर वापस आयी थी तो उसके बाद BCCI ने एक समीक्षा बैठक रखी थी. जिसमें टीम के कप्तान कोच और चीफ सेलेक्टर भी शामिल थे. इस बैठक के बाद ये बात सामने आई थी की खिलाड़ी डिसिप्लिन में नहीं रह रहे है जिसके चलते अब उनको काबू में करने के लिए थोड़े कड़े निर्णय लेने पड़ेगे. जिसके बाद BCCI ने 10 पॉइंट्स की एक गाइडलाइन पेश की थी ताकि खिलाड़ी डिसिप्लिन में रहे और अपने आप को खेल से बड़ा न समधे.

निजी शेफ और असिस्टेंट नहीं रहेंगे साथ :

इन नियमों को लागू कराने में कोच गौतम गंभीर की अहम भूमिका थी. मिडिया खबरों की माने तो गंभीर ने बैठक में कहा था कि खिलाड़ी अपना निजी शेफ और असिस्टेंट लेकर चलते है जिसकी वजह से वो न तो टीम होटल में ठहरते है और न ही ट्रेनिंग और टीम बॉन्डिंग एक्टिविटी पर सही से ध्यान देते हैं. जिसकी वजह से टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ता है और तब जाकर BCCI ने ये फैसला किया था कि अब किसी भी खिलाड़ी के साथ उनका पर्सनल शेफ और असिस्टेंट नहीं जायेगा.

गंभीर के पर्सनल असिस्टेंट पर बोर्ड ने चलाया हंटर :

बीसीसीआई के द्वारा बनाए गए नए नियमों के तहत एक बड़ा नियम ये था कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के सदस्यों में से किसी का भी पर्सनल मैनेजर टीम इंडिया की मीटिंग में मौजूद नहीं रहेगा और ना ही बस में टीम के साथ ट्रेवल कर पाएगा. इतना ही नहीं वो उस होटल में नहीं ठहर सकते हैं जहां टीम के खिलाड़ी रूकेंगे. ऐसे में अब इसे लेकर पहली गाज गौतम गंभीर पर गिरी है और उन्हें अपने पीए का बलिदान देना पड़ा है.

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