Champions Trophy में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी धमाकेदार शुरुआत की है। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कंगारू टीम ने 5 विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज कर टूर्नामेंट में ज़बरदस्त अगाज किया है। मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 352 रनों का लक्ष्य मिला था। जिसे टीम ने 47.3 ओवर्स में 5 विकेट के नुक़सान पर हासिल कर लिया। इस जीत में ऑस्ट्रेलियाई टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ जोश इंगलिस के बल्ले से निकली पारी ने अहम भूमिका निभाई।
पहाड़ के समान लग रहे लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरुआत में लड़खड़ाई ज़रूर लेकिन फिर हुई साझेदारियों ने उसे जीत तक आसानी से पहुँचा दिया। सलामी बल्लेबाज़ ट्रेविस हेड और कप्तान स्टीव स्मिथ के जल्दी आउट होने के बाद मैट शोर्ट(63 रन) और मार्नस लाबूशेन(47 रन) ने टीम को सम्भाला। इसके बाद आए जोश इंगलिस ने नाबाद 120 रनों की ज़बरदस्त पारी खेली। महज़ 86 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 8 चौके और 6 छक्के लगाए।
एलेक्स कैरी ने भी 63 गेंदों पर 69 रनों की अहम पारी खेलकर जीत की उम्मीद को जगा दिया. इसके बाद आए ग्लेन मैक्सवेल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी से जीत सुनिश्चित कर दी. मैक्सवेल 15 गेंदों पर 32 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने चार चौके और 2 छक्के लगाए। मैक्सवेल और जोश इंगलिश दोनों ही टीम को जीत दिलाकर लौटे।
जोश इंगलिस की ऐतिहासिक पारी
जोश इंगलिस जब बल्लेबाज़ी के लिये उतरे तो 122 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट हो चुके थे। इंगलिश ने ना सिर्फ़ एक छोर सम्भाला बल्कि तेज़ी के साथ रन बनाए। जोश ने वनडे करियर का अपना पहला शतक सिर्फ़ 77 गेंदों पर पूरा किया जो चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में अब तक का संयुक्त रूप से सबसे तेज शतक है।
इस मामले में जोश इंगलिश ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग के 23 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की है। जिसमें सहवाग ने साल 2002 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ही कोलंबो में हुए चैम्पियंस ट्रॉफी के मुक़ाबले में 77 गेंदों पर शतकीय पारी खेली थी। सहवाग ने 104 गेंदों पर 126 रन बनाए थे।