भारत सरकार UPI ट्रांजेक्शन और रूपे डेबिट कार्ड से लेनदेन पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है. फिलहाल ये सभी लेनदेन एकदम मुफ्त हैं लेकिन बैंक चाहते हैं कि बड़े कारोबारियों से मर्चेंट डिस्काउंट रेट वसूला जाए. हालांकि छोटे दुकानदारों के लिए ये पहले की तरह निशुल्क रहेगा.
बताया जा रहा है कि बैंकिंग उद्योग की तरफ से भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें कहा गया है कि सालाना 40 लाख रूपये से ज्यादा की बिक्री करने वाले कारोबारियों से मर्चेंट शुल्क वसूला जाए.
बैंकों का तर्क है कि बड़े व्यापारी पहले से ही वीजा और मास्टरकार्ड पर मर्चेंट शुल्क दे रहे हैं तो फिर UPI और रूपे कार्ड पर भी शुल्क वसूला जाए. इस प्रस्ताव के अनुसार सरकार बड़े व्यापारियों से ज्यादा शुल्क और छोटे व्यापारियों से बेहद कम या फिर कोई शुल्क नहीं वसूलेगी.
भारत सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए मर्चेंट शुल्क को माफ कर रखा है. जानकारों का मानना है कि अगर सरकार मर्चेंट शुल्क लगाती है तो कारोबारी इसकी भरपाई ग्राहकों से ही करेंगे. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर ही पड़ेगा.
कारोबारी अभी क्रेडिट कार्ड या फिर वीजा या मास्टर कार्ड से लेनदेन करने पर 1.5 से 2 फीसदी अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं. अगर UPI से लेनदेन पर भी मर्चेंट शुल्क लगने लगा तो फिर यूपीआई के जरिए लेनदेन में कमी आ सकती है और कैश लेनदेन फिर से बढ़ सकता है.
अभी तक UPI सेवा मुफ्त होने की वजह से महीने दर महीने ये नया-नया रिकॉर्ड बना रहे हैं.