स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ सहित पूरा मंत्रीमंडल सड़क पर उतर आया. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर सीएम योगी ने लखनऊ के हजरतगंज में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की और लोकभवन तक पैदल मार्च किया.
इस मौके पर सीएम योगी के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ब्रजेश पाठक, पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा सहित सरकार के तमाम मंत्री और भाजपा के बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान सीएम योगी ने पाकिस्तान को लेकरा अब तक सबसे बड़ा बयान भी दे डाला.
उन्होंने कहा कि या तो पाकिस्तान का भारत में विलय होगा या तो फिर पाकिस्तान हमेशा के लिए इतिहास से मिट जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि साल 1947 में आज के दिन ही निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश को विभाजन की त्रासदी में ढकेल दिया गया. ये मात्र देश की जमीन का का नहीं बल्कि मानवता का भी विभाजन था.
उन्होंने कहा कि आज पूरा देश एकजूट होकर विभाजन के काले अध्याय को याद कर रहा है. सीएम ने कहा कि इमिहास केवल अध्ययन का नहीं बल्कि प्रेरणा लेने का विषय होता है.
सीएम ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर आज लखनऊ में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति मौन पदयात्रा’ एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ.
मजहबी उन्माद के चलते मातृभूमि के हुए दुःखद विभाजन की इस अमानवीय त्रासदी में बलिदान हुए सभी निर्दोष नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि. पूरा देश विभाजन की त्रासदी के काले अध्यायों को आज स्मरण कर रहा है. इस क्रूर-वीभत्स असहनीय यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.
हमें सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की दृढ़ता का सम्मान करना चाहिए।
हमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्रति शत-शत नमन करना चाहिए, जिन्होंने अपनी पीड़ा को दबाने के बावजूद भारत की एकता व अखंडता के प्रतीक भारत के संविधान को भारतवासियों को प्रदान किया, यह संविधान हम सबका नेतृत्व व… pic.twitter.com/1e70I1XkFK
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 14, 2024
सीएम योगी ने कहा कि हमें सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की दृढ़ता का सम्मान करना चाहिए. हमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्रति शत-शत नमन करना चाहिए, जिन्होंने अपनी पीड़ा को दबाने के बावजूद भारत की एकता व अखंडता के प्रतीक भारत के संविधान को भारतवासियों को प्रदान किया, यह संविधान हम सबका नेतृत्व व मार्गदर्शन करता है.
बता दें कि 14 अगस्त साल 1947 को देश का दो हिस्सों में विभाजन कर दिया गया था. उस समय लोगों को बहुत ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ा. जिन भी लोगों ने वो मंजर देखें है आज भी उसको याद करके उनकी आत्मा कांप जाती है.