पोलैंड के घर-घर में पूजे जाते हैं भारत के एक राजा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड यात्रा पर हैं। भारत और पोलैंड के बीच गहरा रिश्ता रहा है। इसे आप इसी बात से समझ सकते हैं कि भारत के एक महाराजा की पूजा पोलैंड के हर घर में होती है। आख़िर इसकी क्या वजह है कि एक भारतीय राजा को पोलैंड में इतना सम्मान मिल रहा है।
दरअसल, हिटलर का पोलैंड पर आक्रमण हुआ तो वहां सैनिकों ने महिलाओं और बच्चों को एक जहाज़ में बिठाकर रवाना कर दिया। उम्मीद थी कि किसी देश में उन्हें शरण ज़रूर मिल जाएगी। बच्चों को लेकर यह भटकता हुआ जहाज़ गुजरात के जामनगर जा पहुँचा। रास्ते में किसी देश ने शरण नहीं दी। आख़िरकार महाराजा दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह ने पॉलिश बच्चों को शरण दी। कई साल तक उन्होंने सैकड़ों बच्चों का ख़याल रखा। इन्ही शरणार्थियों में से एक बच्चा आगे चलकर पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बना।
महाराजा दिग्विजय सिंह ने निडर होकर फ़ैसला लिया था और पोलैंड के लोगों को अपने राज्य में शरण दी थी। इसमें ज़्यादातर बच्चे और महिलाएँ थीं। हज़ारों पोलिश बच्चों को महाराजा ने 1942 से 1946 तक पोलैंड से सैकड़ों मील दूर अपने राज्य में सुरक्षित रखा. अब पोलैंड में महाराजा का प्रभाव नज़र आता है. यहाँ आज 8 स्कूल जाम साहेब के नाम से हैं। जबकि कई जगहों पर महाराजा का नाम पढ़ने को मिलता है। हर जगह लिखा है दयावान महाराजा की श्रद्धांजलि में कृतज्ञ पोलैंड राष्ट्र।
पोलैंड के लोगों में जामनगर के महाराजा के प्रति इतना सम्मान है कि उनकी तस्वीर वाली टीशर्ट भी लोग पहनते हैं। पोलैंड के नागरिकों का कहना है कि वह ऐसा करते अपनी अगली पीढ़ी को भी बताना चाहते हैं कि कैसे ज़रूरत के समय भारत के एक महाराजा ने मानवता दिखाई थी। वे कहते हैं कि यह भाव दिखाता है कि एक पड़ोसी को कैसे ज़रूरत के समय मदद करनी चाहिय। हम उनसे सीख लेते हुए हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं।