Post Office Monthly Income Scheme (POMIS) एक लोकप्रिय और सुरक्षित योजना है, जो भारत सरकार द्वारा संचालित की जाती है. ये योजना उन निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो नियमित मासिक आय के रुप में पैसे चाहते हैं. पोस्ट ऑफिस द्वारा संचालित ये योजना निवेश की सुरक्षा के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी सुनिश्चित करती है. ऐसी योजना के बारे में आपको भी जानना चाहिए जिससे आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.
POMIS की विशेषताएंः
पोस्ट ऑफिस मंथली मंथली इनकम स्कीम POMIS एक निश्चित अवधि की निवेश योजना हैं, जिसमें निवेशक को 5 साल के लिए अपनी राशि जमा करनी होती है. इस योजना में निवेशक को हर महीने ब्याज के रुप में आय प्राप्त होती है. निवेश अवधि पूरी होने के बाद जमा राशि परिपक्व हो जाती है, जिसे पुनः निवेश किया जा सकता है. इसमें सिंगल और जाइंट दोनों प्रकार के ही खाते खोले जा सकते हैं.
क्या है न्यूनतम और अधिकतम निवेश सीमाः
POMIS में निवेश शुरु करने के लिए अगर न्यूनतम राशि की बात की जाए तो महज 1 हजार रुपये की आवश्यकता होती है. वहीं अधिकतम निवेश सीमा की बात की जाए तो सिंगल अकाउंट में 9 लाख और जाइंट अकाउंट के लिए 15 लाख रुपये है. वर्तमान में इस योजना पर 7.40 फीसदी की वार्षिक ब्याज दर दी जा रही है, जो हर तिमाही के अंतराल में सरकार की ओर से संसोधन किया जाता है.
15 लाख रुपये के निवेश पर मासिक आयः
यदि आप इस योजना के तहत जाइंट अकाउंट में 15 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो 7.4 फीसदी की ब्याज दर पर आपको हर महीने में 9,250 रुपये ब्याज के रुप में मिलेगा. ये ब्याज राशि आपकी नियमित आय का स्रोत बन सकती है. इस तरह कुल 5 सालों में 5 लाख 55 हजार रुपये की आय अर्जित की जा सकती है.
9 लाख रुपये के निवेश पर मासिक आयः
अगर आप सिंगल अकाउंट में अधिकतम 9 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो आपको हर महीने 5500 रुपये का ब्याज प्राप्त होगा. ऐसे में ये 5 सालों में 3,33,000 तक हो सकती है. ये उन निवेशकों के लिए आदर्श है, जो अपेक्षाकृत छोटे स्तर पर निवेश करना चाहते हैं.
FAQs:
- क्या POMIS में जोखिम है.
- नहीं, ये योजना पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि इसका संचालन भारत सरकार की ओर से होता है.
- क्या मैं इस योजना में परिपक्वता से पैसा निकाल सकता हूं.
- हां, परिपक्वता से पहले धन निकालने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और पेनाल्टी लागू होती हैं.
- ब्याज दर का निर्धारण कैसे होता है.
- ब्याज दर तिमाही भारत सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और ये बाजार की मौजूदा स्थितियों पर निर्भर करती हैं.
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