पिछले कुछ सालों में क्रिकेट जगत में अगर किसी देश की टीम ने सबसे ज़्यादा सरप्राइज किया है तो वह अफ़ग़ानिस्तान की टीम है। वर्ल्ड कप में हर किसी को अपने प्रदर्शन से हैरान करने वाली अफ़ग़ानी टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में इंग्लैंड को हराकर इस बात को पुख़्ता कर दिया है कि उसे कोई भी टीम अब हल्के में ना ले। अफ़गानिस्तान टीम की जीत कोई तुक्का नहीं लगती बल्कि योजनाबद्ध तरीक़े से टीम विपक्षी टीम को मात दे रही है।
गेंदबाज़ी हो या बल्लेबाज़ी या फिर क्षेत्ररक्षण की बात अफ़ग़ान टीम पूरी कम्पलीट नज़र आती है। नतीजतन जब भी वह मैदान पर उतरती है तो अच्छा क्रिकेट दिखाई देता है।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच में अफ़ग़ानिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 325 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया था। इसमें इब्राहिम जादरान ने 177 रनों की पारी खेलकर अपनी शानदार बल्लेबाज़ी दिखाई। इंग्लैंड को इस मैच में ना सिर्फ़ हार मिली बल्कि इसके साथ ही उसका चैंपियंस ट्रॉफी में सफ़र भी समाप्त हो गया।
नीले रंग की जर्सी क्यों पहनती है अफ़ग़ानिस्तान टीम
अफ़ग़ानिस्तान के झंडे झंडे में लाल, हरा और काला रंग दिखाई देता है। लेकिन अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम की जर्सी नीले रंग की है। दरअसल, अफ़ग़ानिस्तान में नीले रंग का ख़ास महत्व है। यह रंग देश की सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है। अफ़ग़ानिस्तान में बहुमूल्य रत्न लाजवर्ड (जिसे लैपिस लाजुली के नाम से भी जाना जात है) पाया जाता है। लाजवर्ड गहरे नीले रंग का होता है। यही वजह है कि अफ़ग़ानिस्तान की सभ्यता में नीले रंग का अधिक महत्व है।
कई ऐतिहासिक इमारतों में नीला रंग दिखता है, ख़ासकर ब्लू मॉस्क(मज़ार–ए–शरीफ़ की मशहूर मस्जिद) इसके अलावा अन्य सांस्कृतिक प्रतीक नीले रंग से जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि देश के झंडे में लाल, हरा और काला रंग होने के बाद भी अफ़ग़ानिस्तान टीम की जर्सी के लिए नीले रंग को चुना गया।