WPL Run-Out Controversy: WPL में थर्ड अंपायर के फैसले पर मैदान पर हंगामा, 5 गेंद में हुए 3 रनआउट लेकिन..

WPL Run-Out Controversy: भारत में आईपीएल की तर्ज पर खेली जाने वाली WPL यानी वीमेंस प्रीमियर लीग के दूसरे दिन उस समय थर्ड अंपायर के फैसले पर हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई जब 15 गेंद के ही भीतर तीन रनआउट के फैसले थर्ड अंपायर की ओर से दिए गए. इस तरह के फैसले पर मुंबई की कप्तान हरमनप्रीत कौर भी झल्ला गई, अंततः मुंबई को आखिरी गेंद में दो विकेट से हार का सामना करना पड़ा.

थर्ड अंपायर ने ये कियाः

गौरतलब है कि दिल्ली कैपिटल्स की टीम 165 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी, इसी दौरान 18 वें ओवर में शिखा पांडेय के रनआउट के फैसले के विवाद की शुरूआत हुई. शिखा ने 18 वें ओवर की चौथी गेंद पर सिंगल लेना चाहा लेकिन नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ी निकी प्रसाद ने उनको वापस लौटा दिया. लेकिन थ्रो जाकर स्ट्राइकर एंड पर जा लगा. मैदानी अंपायर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अंतिम निर्णय के लिए थर्ड अंपायर के पास गए.

इस पर थर्ड अंपायर गायत्री वेणुगोपाल ने देखा कि जब स्टंप्स की लाइट जल रही थी तो शिखा का बल्ला लाइन से बाहर था, लेकिन जब बेल्स हवा में थी तो शिखा का बल्ला अंदर था. इस पर गायत्री ने उनको नॉटआउट करार दिया.

19 वें ओवर की अंतिम गेंद पर कुछ हुआ ऐसाः

इसके बाद पारी के 19 वें ओवर की आखिरी गेंद पर भी अरुंधति रेड्डी के खिलाफ भी थर्ड अंपायर गायत्री ने स्टंप्स की लाइट नहीं बल्कि बेल्स पर ही जोर दिया. जिससे अरुंधति को भी नाटआउट करार दिया. इस तरह के निर्णय के बाद क्रीज पर ही खिलाड़ियों ने हंगामा कर दिया. इसी ओवर में यही कृत्य राधा यादव के भी साथ हुआ, इन तीनों ही मौकों पर जब बेल्स की लाइट जली तो बैट क्रीज से बाहर रहा, लेकिन जब बेल्स हवा में थी तो बैट अंदर था. इन बातों को ध्यान में रखते हुए थर्ड अंपायर गायत्री वेणुगोपाल ने नॉटआउट करार दिया.

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