कंगाली में आटा गीला होना वाली कहावत पाकिस्तान पर एक दम फिट बैठ रही है. जिस चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी कर वो फूला नहीं समा रहा था अब उसे वही मेजबानी इतनी भारी पड़ गई कि उसे 739 करोड़ रूपये का तगड़ा नुकसान हो गया.
इस भारी-भरकम नुकसान का एक बड़ा कारण भारतीय टीम का पाकिस्तान में खेलने से इंकार करना भी है. पाकिस्तान को 29 साल के लंबे अरसे के बाद किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी, साल 2021 में आईसीसी ने पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी सौंपने की घोषणा की थी.
इसके बाद उसकी तैयारियों पर पाकिस्तान ने 869 करोड़ रूपये की भारी-भरकम रकम खर्च कर डाली. जब टूर्नामेंट खत्म हुआ तो उसे तकरीबन 793 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा. दरअस्ल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने से इंकार कर दिया था.
इसके बाद भारतीय टीम ने हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मुकाबले दुबई में खेले. एक सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला भी दुबई में ही खेला गया. इस वजह से पीसीबी को मिलने वाला फायदा पहले ही काफी घट गया. पाकिस्तान में जो 10 मैच खेले गए उसमें 3 मैच बारिश के कारध रद्द हो गए.
मैच रद्द होने की वजह से पीसीबी को टिकट का पैसा लौटाना पड़ गया. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने स्टेडियमों पर 560 करोड़ और अन्य तैयारियों पर 347 करोड़ रूपये खर्च किए.
इतनी रकम खर्च करने के बाद उसे टिकट और होस्टिंग फीस से बहुत ही मामूली कमाई हुई. इस वजह से उसे 739 करोड़ रूपये का नुकसान उठाना पड़ा.